उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आरोप लगाया कि लालू प्रसाद ने बिहार विधान परिषद के सदस्य तथा बीपीएससी के चेयरमैन का पद भी बेचा। रविवार को भाजपा मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन्होंने दावा किया कि लालू प्रसाद को जमीन हड़पने में नवाचार (इनोवेशन) के लिए पुरस्कार मिलना चाहिए। उन्होंने राबर्ट वाड्रा को भी पीछे छोड़ दिया है। श्री मोदी ने दस्तावेजी प्रमाण मीडिया के सामने रखते हुए दावा किया कि लालू प्रसाद ने रामाश्रय प्रसाद यादव को बीपीएससी का चेयरमैन बनाने के एवज में 1993-94 में मौजा सगुना (पटना) में 6726 वर्गफुट का 2 प्लॉट लिखवा लिया। प्लॉट लिखवाने के लिए मो. शमीम और उनकी पत्नी सोफिया तबस्सुम का इस्तेमाल किया गया।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि रामाश्रय यादव की पुत्री सीमा यादव तथा पुत्र संजय यादव से विजय विहार को-ऑपरेटिव सगुना में प्लॉट मो. शमीम तथा उनकी पत्नी तबस्सुम के नाम रजिस्ट्री करवाई गयी। 13 मई 2005 को मो. शमीम और सोफिया तबस्सुम ने इन दोनों प्लॉटों को पॉवर ऑफ एटर्नी के माध्यम से राबड़ी देवी को सौंप दिया। आज इस जमीन की कीमत 2 करोड़ से भी अधिक है।
राबड़ी देवी इसे अब अपनी संपत्ति दर्शा रही हैं। श्री मोदी ने कहा कि मो. शमीम से यह सेवा प्राप्त करने के एवज में लालू प्रसाद ने 1998 में उन्हें राज्यपाल कोटे से बिहार विधान परिषद भेज दिया। कहा कि पावर ऑफ एटर्नी में गवाह राजद के कोषाध्यक्ष तथा विधान पार्षद रहे राकेश रंजन हैं। उप मुख्यमंत्री ने तेजस्वी यादव पर तंज कसा कि जो लोग गांधी की दुहाई देते हुए यात्रा कर रहे हैं, उन्होंने कितने लोगों की जमीन हथियायी है। उन्हें तो गांधी से माफी मांगनी चाहिए। प्रेस कॉन्फ्रेंस में अरुण सिन्हा, नितिन नवीन, देवेश कुमार, प्रेम रंजन पटेल, अजफर शम्सी आदि भी मौजूद रहे
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