नई दिल्ली
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपना पद छोड़ने से पहले दो और क्षमा याचिकाओं को ठुकरा दिया है। प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल राष्ट्रपति के रूप में 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है। राष्ट्रपति ने दोनों क्षमा याचिकाओं को मई के अंतिम सप्ताह में ठुकराया। इस तरह मुखर्जी द्वारा क्षमा याचिकाओं की ठुकराए जाने की संख्या 30 हो गई है।
खारिज की गई याचिकाओं में पहला केस 2012 का है, जिसमें 4 साल की बच्ची का रेप और फिर उसकी हत्या कर दी गई थी। वहीं दूसरा केस पुणे का है, जिसमें कैब ड्राइवर और उसके साथी ने मिलकर युवती का रेप और हत्या कर दी थी। पहला मामला इंदौर का है, इसमें तीन लोगों बाबू उर्फ केतन, जितेंद्र उर्फ जीतू (20) और देवेंद्र उर्फ सनी (22) को चार साल की बच्ची को अगवा कर उसके साथ दुष्कर्म और हत्या का दोषी पाया गया था। बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के बाद आरोपियों ने उसकी गला घोंटकर हत्या कर दी थी और शव को नाले में फेंक दिया था।
इसके अलावा पुणे के मामले में दोषी पुरुषोत्तम दशरथ बोराटे और प्रदीप यशवंद कोकडे को 2007 में एक 22 वर्षीय युवती के साथ रेप कर उसकी हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया था। पीड़िता विप्रो कंपनी में काम करती थी।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपना पद छोड़ने से पहले दो और क्षमा याचिकाओं को ठुकरा दिया है। प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल राष्ट्रपति के रूप में 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है। राष्ट्रपति ने दोनों क्षमा याचिकाओं को मई के अंतिम सप्ताह में ठुकराया। इस तरह मुखर्जी द्वारा क्षमा याचिकाओं की ठुकराए जाने की संख्या 30 हो गई है।
खारिज की गई याचिकाओं में पहला केस 2012 का है, जिसमें 4 साल की बच्ची का रेप और फिर उसकी हत्या कर दी गई थी। वहीं दूसरा केस पुणे का है, जिसमें कैब ड्राइवर और उसके साथी ने मिलकर युवती का रेप और हत्या कर दी थी। पहला मामला इंदौर का है, इसमें तीन लोगों बाबू उर्फ केतन, जितेंद्र उर्फ जीतू (20) और देवेंद्र उर्फ सनी (22) को चार साल की बच्ची को अगवा कर उसके साथ दुष्कर्म और हत्या का दोषी पाया गया था। बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के बाद आरोपियों ने उसकी गला घोंटकर हत्या कर दी थी और शव को नाले में फेंक दिया था।
इसके अलावा पुणे के मामले में दोषी पुरुषोत्तम दशरथ बोराटे और प्रदीप यशवंद कोकडे को 2007 में एक 22 वर्षीय युवती के साथ रेप कर उसकी हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया था। पीड़िता विप्रो कंपनी में काम करती थी।
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